Tuesday, September 15, 2020

मोबाइल फोन/स्क्रीन एडिक्शन

 

मोबाइल फोन/स्क्रीन एडिक्शन 

मोबाइल फोन, कंप्यूटर, लैपटॉप, टेबलेट, टेलीविज़न आज हमारी जिंदगी का एक महत्वपूर्ण अंग हैं | कोविड-19 कोरोना वैश्विक महामारी के संकट के समय हम इन तकनीकी संसाधनों के द्वारा ही आज अपने स्कूल, ऑफिस से जुड़े है | सामाजिक आदान-प्रदान व संप्रेषण का एक बहुत बड़ा हिस्सा स्क्रीन के माध्यम से ही चल रहा है या यूं कहें कि स्क्रीन ही आज वह साधन बन गई है जिससे हम इस कोविड-19 की अवस्था में समाज व अपने महत्वपूर्ण लोगों से संपर्क कर रहे हैं | स्क्रीन का अत्यधिक उपयोग बच्चों के विकास व स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है| आज इन साधनों का प्रयोग बहुत बढ़ गया है जिसके कारण स्क्रीन एडिक्शन की संभावना और बढ़  जाती है |यह तब होता है जब स्क्रीन के उपयोग की लत इतनी बढ़ जाती है कि व्यक्ति अपनी दिनचर्या के कार्य, आपसी सम्प्रेषण, शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक गतिविधियां भी नहीं कर रहा होता है और मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर, टेलीविजन, आदि में ही  इस स्तर तक व्यस्त रहता है कि वह अपनी सामान्य ज़िम्मेदारी का भी निर्वहन नहीं कर रहा होता है ” इनके प्रयोग पर उसका नियंत्रण नहीं रहता, उसकी शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक गतिविधियां इन्हीं तकनीकी उपकरणों पर केन्द्रित रहती है |

Screen Addiction

It’s when screen use becomes so compulsive that it leads to impaired daily functioning in terms of productivity, social relationships, physical health, or emotional well-being 

 (Horwood & Anglim] 2018

स्क्रीन एडिक्शन के लक्षण

 
·   अधिक से अधिक मोबाइल फोन, कंप्यूटर लैपटॉप, टेबलेट टेलीविज़न के प्रयोग की इच्छा
·        जीवन ऊर्जा का बहुत बड़ा भाग स्क्रीन वह फोन के आसपास ही केंद्रित रहना |
·        कार्य उत्पादकता व गुणवत्ता में कमी आना |
·        अधिक समय का स्क्रीन पर ही गुजारना |
·        फोन व इंटरनेट उपलब्ध ना होने पर क्रोध, चिड़चिड़ापन  और व्याकुलता का बढ़ना |
·     पारिवारिक व सामाजिक कार्यों में आपसी भागीदारी का कम होना व चेतनता का अभाव होना |
·   दैनिक गतिविधियों जैसे की सोने के समय, खाना खाने  के समय पर भी मोबाइल आदि का  प्रयोग करना |
·    आभासी ( virtual world) दुनिया में अधिक समय बिताना |
·    जब आप फोन का उपयोग नहीं भी कर रहे तब भी आपका फोन व इंटरनेट के अनुभवों में ही  डूबे रहना व भविष्य की योजनाएं  भी वर्चुअल दुनिया के संबंध में बनाना |
·      वास्तविक वार्तालाप का लगातार कम होना |
·     मनोरंजन के अन्य साधनों  जैसे की खेल  आदि  में रुचि का अभाव होना |
नकारात्मक प्रभाव

·    स्क्रीन के अत्यधिक उपयोग से मानव नींद कम हो जाती है व उसकी गुणवत्ता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है | मोबाइल फोन कंप्यूटर लैपटॉप आदि के ज्यादा उपयोग के कारण घर व कार्यालय में ताद्म्य न होना आंखों के रोग व सिर दर्द होना आप जानते है कि आप का समय और ऊर्जा दोनों व्यर्थ हो रही है पर नियंत्रण न कर पाना | केवल स्क्रीन के माध्यम से ही खुशी आनंद के अनुभवों को प्राप्त करना स्क्रीन को ही अपनी दुनिया समझ लेना | जब आप फोन से दूर होते हैं तो फोन खोने का डर सूचनाएं चोरी हो

ने का डर सताना |  ज्यादा स्क्रीन-टाइम का मतलब है ग्रीन टाइम का कम होना यानी कि प्रकृति के से विलग होना, जबकि प्रकृति से संवाद क्रोध, उदासी व्याकुलता, चिंता को  कम करता है वह मानव को अपनी भावनाओं वह विचारों पर संतुलन की क्रिया को आसान बनाता है | एकाग्रता, भावनात्मक संतुलन, निर्णय क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव समय बीतने का पता ही ना चलना (lack of sense of time) 

सुझाव नियंत्रण के लिए

·  बच्चों का उनकी आवश्यकता अनुसार मोबाइल, फोन, कंप्यूटर लैपटॉप, टेबलेट टेलीविज़न के उपयोग के लिए समय निर्धारित करना (Time Limit)  ऑनलाइन अध्ययन  के अतिरिक्त स्क्रीन समय सीमित करना |रचनात्मक व शारीरिक क्रियाकलापों के अवसर बच्चों को प्रदान करना |प्रतिदिन एक घंटा मोबाइल को बंद रखना | एप् नोटिफिकेशन को बंद कर देना व निश्चित समय पर ही फोन को चेक करना |स्क्रीन ब्राइटनेस (Brightness) को कम रखना |यह समझ बनाना की  प्रति-एक मैसेज का तुरंत जवाब देना आवश्यक नहीं है |  बच्चों के सोने के कमरे में टीवी न रखना |पारिवारिक नीति बनाकर सुबह नींद से उठते ही, सोने के समय, खाने के समय पर मोबाइल फोन का उपयोग न करना |  किशोरों को समझाएं कि ऑनलाइन व इंटरनेट पर सब ओपन है,  गोपनीय बहुत कम है | साइबर सफेटी व डिजिटल संसाधनों के बारे अपनी समझ बनाना |अति सर्वत्र वर्जयेत: ...